प्रौद्योगिकी का प्रयोग सकारात्मक कार्यों के लिए हो"  गौतमबुद्ध नगर : जय भारत मंच के उतर प्रदेश अध्यक्ष

" प्रौद्योगिकी का प्रयोग सकारात्मक कार्यों के लिए हो"
 गौतमबुद्ध नगर : जय भारत मंच के उतर प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा जी एवं प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा उ०प्र० प्रौद्योगिकी दिवस पर आधुनिक तकनीक का सकारात्मक सोच के साथ अपनाने का संकल्प लिया गया । मेरठ मंडल महामंत्री महिला मोर्चा उत्तर प्रदेश हेमलता शिशौदिया ने बताया कि आज विश्व वैश्विक महामारी कोरोनावायरस कोविड-19 के जिस दौर से गुजर रहा है उसमें विभिन्न विभिन्न तकनीक और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम इस महामारी पर विजय प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं अतः प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है । प्रौद्योगिकी, व्यावहारिक और औद्योगिक कलाओं और प्रयुक्त विज्ञानों से संबंधित अध्ययन या विज्ञान का समूह है। कई लोग तकनीकी और अभियान्त्रिकी शब्द एक दूसरे के लिये प्रयुक्त करते हैं। जो लोग प्रौद्योगिकी को व्यवसाय रूप में अपनाते है उन्हे अभियन्ता कहा जाता है। आदिकाल से मानव तकनीक का प्रयोग करता आ रहा है। आधुनिक सभ्यता के विकास में तकनीकी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष '11 मई' को मनाया जाता है। वर्ष 1998 में '11 मई' के दिन ही भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था। यह परमाणु परीक्षण पोखरण, राजस्थान में किया गया था। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त होने के उपलक्ष्य में ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि घरेलू स्तर पर तैयार एयरक्राफ्ट 'हंस-3' ने भी इसी दिन परीक्षण उड़ान भरी थी। इसके अलावा इसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था। यह दिवस हमारी ताकत, कमज़ोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिये मनाया जाता है, जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमें देश की दशा और दिशा का सही ज्ञान हो सके।
प्रौद्योगीकीय क्षमता का विकास
पूरे देश में शैक्षणिक संस्थान तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित संस्थान इसे भारत की प्रौद्योगीकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने के लिये मनाते हैं। इस दिन उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों को पुरस्कृत भी किया जाता है। बीते कुछ दिनों में भारत ने अपनी उन्नत स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परिचय देते हुए 'इंटर कांटीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल' (आईसीबीएम) अग्नि-5 और देश का पहला स्वदेश निर्मित राडार इमेजिंग उपग्रह रीसैट-1 का सफल प्रक्षेपण किया। ये दोनों कामयाबी भविष्य के लिये दूरगामी सिद्ध होगीं, क्योंकि हम स्वदेशी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और विश्व के छ: ताकतवर देशों के समूह में शामिल हो गए हैं। भविष्य में भारत उन सभी ताकतों को और भी कड़ी टक्कर देगा, जो साधनों की बहुलता के चलते प्रगति कर रहे हैं, क्योंकि भारत के पास प्रतिभाओं की बहुलता है। कार्य सकारात्मक सोच के साथ किए जाएं तो हर समस्या का समाधान आसानी से हो सकेगा ।
हेमलता शिशौदिया
शिक्षिका एवं समाज सेविका