*तलब लगी जमात ने उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां*
- तीसरे लेवल के लोकडाउन में शराबियों ने महामारी को बना दिया मज़ाक
- देश में जगह जगह भीड़ के रूप में लगी लम्बी कतारे
पूरी दुनिया में मौत के रूप आयी विनाशकारी महामारी ने अपना आतंक मचाया हुआ है, सभी देश इस बीमारी से लड़ने में अपनी देश की जनता से सहयोग की अपील करते आ रहे हैं। क्योंकि ज़्यादातर देशों ने मौत का तांडव करते हुए देखा,और अपने मुल्क़ के बाशिंदों की लाशों के अंबार को समेटा है। अमेरिका, इटली, फ़्रांस आदि मुल्क़ों के हालात बेहद डरावने हैं। क्योंकि वहां कोरोना वायरस एस स्प्रेम के रूप में है। भारत भी इस बीमारी के दंश को झेल रहा है, यहां भी लगभग 600 से ज़्यादा मौतों की गिनती है जो शायद अब बढ़ सकती है। भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुल्क़ में इस बीमारी की अत्यधिक आमद को रोकने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ़्यू की अपील की थी, लेकिन कोरोना वायरस ने लगातार अपनी पकड़ भारत की जनता पर बना ली थी। जिसके बाद से लोकडाउन में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी की गई थी। बढ़ते संक्रमण और लगातार हो रही मौतों से सभी देश ख़ौफ़ के साये में है। किसी भी तरीक़े का कोई रिस्क फिलहाल संक्रमित देश के नुमाइंदे लेना नहीं चाहते। लेकिन भारत में शायद इस बीमारी को मज़ाक समझ लिया गया है। देश में तीन ज़ोन बनाने के बाद उसमें अचानक शराब की दुकानें खोलने की छूट पर लोकडाउन में बनाये गए नियमों की उड़ी धज्जियां ये बात साबित करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रारंभ से ही हर संभव इस प्रयास में है कि लोगों को इस महामारी से कैसे बचाया जाए और जागरुकता के साथ इस बीमारी को आगे बढ़ने से कैसे रोका जाए। ग़रीब और मज़दूर पेशा लोगों को कैसे उनके खाने-पीने की व्यवस्था आदि की जाए इन सबके लिए सभी राज्यों के सीएमों से राब्ता रखते आएं हैं। बीते कल सरकार के लिए गए एक फैसले ने शायद कोरोना वायरस की जड़ों को भारत में और मज़बूत कर दिया है। जिस तरह से महज शराब के लिए लोकडाउन का उल्लंघन हुआ है, और लोगों ने अपने व अपने परिवार की ज़िंदगी को खतरे में डाला है वो भी सिर्फ़ दो पल नशे के लिए उससे ये बात साफ हो गयी है कि कोरोना में किये गए लोकडाउन में लोगों को खाने पीने से ज़्यादा लोगों को दारू के लिए रोना पड़ रहा है। जिस बिमारी से बचने के लिए 43 दिन गरीबों ने अपनी भूख प्यास को मारकर खुद को कैद रखा, अपनी जान तक दे दी। उनकी इस आहुति को ऐसे शराबियों ने बेकार कर दिया है। अब देखना होगा कि इस उल्लंघन से आने वाले वक्त में इस बीमारी में बढोतरी होगी या फिर इसका ख़ात्मा होगा और लोकडाउन का लगाया जाना व्यर्थ साबित होगा या नहीं, बस इंतजार है आने वाला वक़्त का.......
रिपोर्ट
शान आलम