<no title>-राजेश बैरागी- ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए

आखिर बात समझ में आ गई
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-राजेश बैरागी-
ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए गौतमबुद्धनगर के नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं।1992 बैच के आईएएस नरेंद्र भूषण पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रेजुएट भी हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण पदों और योजनाओं पर काम करने का अनुभव है।वे उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम, यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड व यूपी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन में प्रबंध निदेशक, केंद्र सरकार के यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया में उप महानिदेशक व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान के अभियान निदेशक रह चुके हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गौतमबुद्धनगर के दौरे के दौरान कोरोनावायरस से निपटने के लिए कमिश्नरी पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा बगैर समन्वय के अपने अपने स्तर पर किये जा रहे प्रयासों और उसके नकारात्मक परिणामों से आजिज आकर शासन ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने का निर्णय लिया। ग्रेटर नोएडा सीईओ नरेंद्र भूषण की वरिष्ठता और ऐसे मामलों में उनके लंबे अनुभव के कारण यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। उन्हें प्रशासन और पुलिस दोनों रिपोर्ट करेंगे।कल मैंने अपनी 'पुलिस कमिश्नरी प्रणाली का पहला शिकार' शीर्षक से लिखी पोस्ट में किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जिलाधिकारी नियुक्त करने का सुझाव दिया था ताकि पुलिस और जिला प्रशासन की अलग-अलग अपनी ढपली अपना राग अलापने और परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण कार्यों के प्रबंधन में लापरवाही से बचा जा सके। मेरे लिखने से नहीं परंतु योगी सरकार को स्वयंमेव इस खामी का अहसास हुआ और आज नयी व्यवस्था अमल में लाई गई। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की उपयोगिता पर फिर बहस आरंभ हो सकती है। आईएएस लॉबी तो यह चाहती ही है।(नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा)