<no title> *हर कस्बे व चौराहे पर चोरी छिपे बिक रहा शराब*   *पुलिस की संलिप्तता से चल रहा बेखौफ चल रहा कारोबार*   *साक्ष्य के साथ सूचना मिलने पर नपेंगे थानेदार

 


*लाकडाउन के बावजूद भी मदिरा की बिक्री पर नही लग पाया लगाम* 


 *हर कस्बे व चौराहे पर चोरी छिपे बिक रहा शराब* 


 *पुलिस की संलिप्तता से चल रहा बेखौफ चल रहा कारोबार* 


 *साक्ष्य के साथ सूचना मिलने पर नपेंगे थानेदार -डीआईजी* 


अखिलानंद राव ब्यूरो चीफ
  नगर। सरकार की ओर लाकडाउन में शराब की बिक्री पर पाबंदी इस वजह से लगाई गई है कि भीड़ से बचाव हो सके, लेकिन कुशीनगर में शराब की बिक्री जारी है, इस खेल में पुलिस की संलिप्तता से भी इंकार नही किया जा सकता हैं। 
      सरकार का 21 दिनों का लाकडाउन की घोषणा के पीछे यही उद्देश्य था, कि लोगो को भीड़ में जाने से रोका जा सके और कोरोना से लोगो को बचाया जाए, क्यो कि यह लाइलाज रोग संक्रमित लोगो के संपर्क में आने से ही फैलता है, लेकिन लोग इटली सहित अन्य देशों की तरह हल्के में ले रहे हैं और सड़कों पर निकलकर लाकडाउन का उल्लंघन करते हुए देखे जा रहे हैं। यही वही लोग हैं जो अपने साथ ही अपने शुभचिंतकों तक को परेशानी में डाल रहे हैं। इसके लिए कही कही पुलिस को लोगो के स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य व सरकार के फरमान का अनुपालन कराने के लिए लाठियां तक भाजनी पड़ रही है तो कही लोगो से घरो में रहने की अपील तक करनी पड़ रही हैं।  दूसरी बात कि शासन ने सभी मदिरा की दुकानों को पूर्ण रूप से बंद रखने का फरमान जारी कर दिया, जिससे अनावश्यक रूप से भीड़ व विवाद से बचाव हो सके, लेकिन यही फरमान अब कुछ तस्करो के लिए संजीवनी के रूप में काम कर रहा है और आसानी से मदिरा कस्बो, चैराहे व गावो में महंगी कीमत पर मिल जा रही है, इस खेल में पुलिस की संलिप्तता से भी इंकार नही किया जा सकता है, यह खेल बेखौफ रात्रि में हो रहा है और दुकानों से निकाल एक निर्धारित स्थान चयन कर महंगी दामो पर बेची जा रही है। सूत्रों की माने तो शराब बंदी के बाद जो शराब की खेप बिहार में पहुचायी जा रही थी, वह अब यूपी में खपत हो जा रही है, जिससे तस्कर तो मालामाल हो रहे हैं, पुलिस भी इस खेल में अपने को कमतर न मानते हुए गोता लगा रही है। पुलिस व तस्करों की इस मिलीभगत से जहां इनकी शाम भी रंगीन हो जा रही हैं और मदिरा का सेवन करने वाले भी मस्त हो जा रहे हैं, ऐसा नही है कि इसकी जानकारी नही है फिर भी बेरोकटोक यह खेल जारी हैं।
इस संबंध में डीआईजी गोरखपुर राजेश मोदक का कहना है कि यह बहुत गम्भीर मामला हैं। इसकी निगरानी की जा रही है, जिस क्षेत्र में इस तरह की सूचना साक्ष्य के साथ प्रकाश में आयेगा, संबंधित थाना प्रभारी ही दोषी माना जायेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। लापरवाही किसी भी सूरत में क्षम्य नही है।