<no title>*ग्वालियर पत्रकार चेतन सेठ का धन्यवाद संदेश!*

 


*ग्वालियर पत्रकार चेतन सेठ का धन्यवाद संदेश!*


कोरोना की वजह से देश में उपजे हालातों को काबू करने में शासन, प्रशासन के साथ मीडिया  द्वारा भी अहम भूमिका निभाई जा रही है। लोगों को आगाह करने और संक्रमण से युद्ध में मीडिया की भूमिका की हर स्तर पर सराहना भी की जा रही है। यही वजह है कि मीडिया को आवश्यक सेवा में शामिल कर विशेष अनुमति दी गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औऱ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मीडिया की भूमिका की सराहना भी कर चुके हैं।


देश के इस संकट में कई लोगों की अहम भूमिका है, जिसमें मीडिया, डॉक्टर्स, सफाईकर्मी, पुलिस प्रशासन के साथ अन्य सभी कर्मचारियों की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। जिस तरह वह भी 24 घंटे तैनात होकर भूखे प्यासे रहकर कार्य कर रहें हैं उनका कार्य सराहनीय हैं।


मेरे साथ हुई इस घटना के बाद मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों से कहा कि राज्य शासन द्वारा पत्रकारों को जारीअधिमान्यता कार्ड को प्राथमिकता दी जाये। मीडिया संस्थानों अथवा समाचार पत्र कार्यालयों में कार्यरत ऐसे कर्मचारी, जो कोरोना कव्हरेज में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, उनके संस्थान द्वारा जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र को मान्यता दी जाये। यदि किसी पत्रकार के पास ये दोनों दस्तावेज नहीं हैं, तो जिले के जनसम्पर्क अधिकारी से प्रमाणित कराकर कलेक्टर स्वयं फोटोयुक्त परिचय-पत्र जारी करें। वहीं पी नरहरि जी ने कलेक्टरों से कहा है कि इन तीनों दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज रखने वाले पत्रकारों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए समाचार संकलन की अनुमति दी जाये। यह भी उचित होगा कि ऐसे पत्रकारों से उनके वाहन के लिये अलग से अनुमति पत्र की मांग न की जाये।


मेरे साथ जिस तरह से चेतकपुरी चौराहा पर कवरेज करने पर पुलिसकर्मियों ने मारपीट की जो घटना की वह गलत हैं। इस घटना के बाद ग्वालियर सहित प्रदेश के कई जगह के मेरे पत्रकार साथियों ने घटना का विरोध भी किया औऱ मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहें। मैं उन सभी मेरे साथियों का ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ औऱ उम्मीद करता हूँ जो घटना मेरे साथ हुई हैं आगे किसी ओर के साथ न हो।


कई राजनीतिक पार्टियों के लोग इस घटना पर राजनीति भी करना चाहतें हैं, लेकिन में किसी का समर्थन नहीं करता हूँ। हम सबकों एक होकर कोरोना के संकट से लड़ने एवं पुलिस प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहनें की जरूरत हैं। वहीं वरिष्ठ अफसरों से भी निवेदन हैं जो लोग दोषी हैं उन्हें सजा मिलनी चाहि