<no title>*असल जरूरतमन्दों तक भोजन पहुंचना जरूरी, कैसे जिएंगे बिन भोजन ?*

 


*असल जरूरतमन्दों तक भोजन पहुंचना जरूरी, कैसे जिएंगे बिन भोजन ?*


*कंट्रोल रूम पर कॉल करते ही भोजन पहुँच जाए ऐसी व्यवस्था हो*
 मंदसौर। नगर पालिका क्षेत्र में 40 वार्ड है। कई संपन्न वार्डों में भी ऐसे बहुत से परिवार हैं जिन लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं व सामान की आवश्यकता है पर गरीबी के कारण वह खरीद नहीं पा रहे है। इसी तरह गरीब मजदूर वर्ग की हालत खस्ता है। लॉक डाउन के कारण यह बातें प्रशासन तक नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि अभी 3 मई तक समय लोगों को निकालना है..कैसे निकालेंगे ? खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास में काफी स्टॉक में गेहूं, दाल, नमक, शक्कर का स्टाक है,,, और राशन की जरूरत होने पर सरकार से मांग की जा सकती है ..। इस तरह क्यों ना भोजन बनाकर प्रशासन गरीब बस्तियों व जरूरतमंद लोगों को भोजन की व्यवस्था करा दे,,,? अभी तो फिलहाल जागरूक समाजसेवी ही इस काम में आगे दिखाई दे रहे हैं। मिड डे मील वाले कहां गए ?
 *अजमेर मॉडल से सीख लेने की आवश्यकता है*
 अजमेर जिला नगर निगम प्रतिदिन 18 हज़ार फूड पैकेट नगर निगम एरिया में रहने वाले  गरीब लोगों में बांट रही है l जिस पर अजमेर नगर निगम रोजाना 1 लाख 80 हजार रुपए खर्च कर रही है l करोड़ों के बजट वाली हमारी मंदसौर नगर पालिका अभी तक क्या कर रही है..? कितने भोजन के पैकेट गरीब लोगों में बांटे..?
*दम तोड़ रहे समाजसेवी संगठन*
शुरुआत में कई सामाजिक कार्यकर्ता भोजन, चाय, पानी, मॉस्क आदि मुफ्त में बांटते दिखाई दे रहे थे, अब कुछ ही नज़र आ रहे है यानी कि समाजसेवी संगठन व कार्यकर्ता अब ओर सेवा करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि कोई भूखा ना सोए,,,।
*कंट्रोल पर कॉल करके असल जरूरतमंद मंगवाए भोजन ऐसी व्यवस्था हो*
आज इस संकट की घड़ी में कई परिवार ऐसे है जो मेहनत करके गुजर बसर कर रहे थे पर आज घर बैठे है। उनकी कमाई इतनी नहीं थी कि बैंक बैलेंस रख पाते। आज वो सबसे ज्यादा परेशान है। कंट्रोल रूम पर एक नम्बर जारी कर ऐसे लोग जो वास्तविक जरूरतमंद है वो कॉल करें और प्रशासन फूड पैकेट पहुंचा दे। इससे असल जरूरतमंद को ही भोजन मिलेगा। गरीब के पास भी मोबाइल रहते है आजकल जिनके पास नहीं है वो किसी से सहायता लेकर कॉल करवा दें। इस काम मे उन सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए जो घर पर बैठे हुए हैं ताकि व्यवस्था बनी रहे और वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों पर काम का बोझ भी अधिक ना पड़े।