ये पुलिस कप्तान कुशीनगर हैं जिनका काम बोलता हैं
अपराधियों में खौफ जगा अपराध में कमी के चलते लोकप्रिय हुए कप्तान
अपनी कार्रवाई से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास जगा रहे हैं कप्तन
कुशीनगर। कप्तान को जिले में ऐसे ही लोकप्रियता नही मिली हैं और आमजन उनकी सराहना नही कर रहा है। इसके पीछे कप्तान के अथक प्रयास ही हैं कि जिले की पुलिस के प्रति अपराधियों में खौफ हैं जिसका नतीजा हैं कि अपराधों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही हैं। कुछ दिनों पूर्व ही कप्तान के कड़े तेवर ने पुलिस कर्मियों को पसीना बहाने के लिए विवश कर दिया है जिससे वह फिट रह सके। कप्तान ने अपना इरादा जता दिया हैं कि अनफिट को थाने का प्रभार नही मिलेगा। जो जिले में चर्चा में है। अपनी कार्यशैली व जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण भी आमजन में कप्तान को ख्याति दिला रहा है। वैसे आकड़ो में भी कुशीनगर पुलिस का काम बोल रहा है।
कुशीनगर ऐसा जनपद हैं जहां की अधिकतर सीमाएं बिहार से सटा हुआ है। जिले का दियारा क्षेत्र कभी दस्युओं के आतंक का शिकार रहा है और उनके खौफ की कहानी बता आज भी लोग सिहर उठते हैं। दूसरी बात कि बिहार में जब शराबबंदी हुई तो यह क्षेत्र तस्करो को हाथ पांव मारने के लिए विवश कर दिया और तस्करो ने कुशीनगर से बिहार सीमा में शराब से लदी वाहनो के साथ प्रवेश के लिए अपनी अपनी पैठ जमा पुलिस को चुनौती देना शुरू कर दिया। बिहार सीमा से सटा होने के चलते अंतरप्रांतीय अपराधियों का भी यह क्षेत्र शरणगाह बन गया था, ऐसे परिवेश में आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास जगाना पानी मे लाठी मारने के बराबर थी। इस दौर में अगस्त 2019 में कप्तान विनोद कुमार मिश्रा ने कार्यभार जब ग्रहण किया तो कुशीनगर जिले में बढ़ते अपराध में कमी लाने के साथ ही लोगो मे सुरक्षा की भावना को जागृत करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी,फिर कप्तान ने अपनी कप्तानी पारी खेलनी शुरू कर दी और जनता दरबार मे फरियादियो की समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराने के साथ ही आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करना शुरू कर दिया। अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक के बाद एक कार्रवाई करके एक सुरक्षित माहौल बनाया, तभी तो बम विस्फोट की घटना हो या बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर मा. न्यायालय का फैसला हो, या जनपद में मनाए जाने वाले कोई भी त्यौहार हो, कुशीनगर का माहौल न ही तनावपूर्ण ही रहा और न कोई अप्रिय घटना ही घटित हुई। जिले में कप्तान के निर्देशन में पुलिस शान्ति व्यवस्था को बनाये रखने में कामयाब रही। यही नही मामलों के निस्तारण में निष्क्रियता पर कईओ को थानेदारी गवानी पड़ी तो कुछ पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर कप्तान ने अपने इरादे जता दिये कि बेहतर पुलिसिंग के माध्यम से अपराधियों में खौफ जगा अपराधों में कमी लाना पहला लक्ष्य हैं जिसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। शासन की मंशा के अनुरूप लोगो को सुरक्षित रखते हुए आमजन में पुलिस के प्रति बेहतर छवि को प्रदर्शित करना है। जिससे लोगो का पुलिस के प्रति नजरिया बदले और लोगो का पुलिस के कार्यशैली से विश्वास बढ़े। कप्तान इस मंसूबे में कामयाब भी होते हुए नजर आ रहे हैं और आमजन में पुलिस के प्रति बढ़ते विश्वास का ही नतीजा रहा कि जनपद की पुलिस 29 हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के साथ ही हत्या व लूट के 11 घटनाओं का सफल अनावरण कर 44 अभियुक्तों को जेल भेजने में कामयाब हो सकी। यहीं नही जनपद की पुलिस ने आबकारी अधिनियम के 808 मामलों में 890 को अभियुक्त बनाई और 111343 लीटर अवैध शराब व 3840 लीटर स्प्रिट भी बीते 20 मार्च तक बरामद कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। पुलिस ने 260 को गुंडा एक्ट में निरुद्ध कर गैंगेस्टर के 10 मामलों में 33 लोगो के खिलाफ कार्रवाई की तो एनडीपीएस एक्ट के 11 मामलों में 11 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 5 कुंतल 16 किग्रा के लगभग गाजा व 13 ग्राम स्मैक के साथ ही चोरी गयी 82 बाइक भी बरामद कर अपराधियों को घुटने टेकने पर विवश कर दिया। जब कि गौ तस्करी के 44 मामलों में 136 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 23 पिकप व 17 ट्रको के सहारे ले जाये जा रहे 540 गोवंशीय पशुओ वाहनो के साथ पकड़कर मुक्त कराया और पुरस्कार घोषित 16 अपराधियों को जेल भेज लोगो मे पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाया। यही नही अगर कप्तान के कार्यकाल पर नजर दौड़ाई जाय तो इस दौरान भादवि के 1720 मुकदमो में 6923 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ तो वही निरोधात्मक अभियोग के तहत 19440 मामलो में 20312 लोगो के खिलाफ कार्रवाई हुई। यह हम नही कह रहे हैं कुशीनगर पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं कि कप्तान के निर्देशन में अपराधियों में खौफ बढा हैं और अपराधों में आई कमी से लोगो का पुलिस के प्रति विश्वास बढा हैं लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और कप्तान के कड़े तेवर उनकी लोकप्रियता को बढ़ा रही हैं ।