सीने से लगा बेटा...तो बदल गया तलाक का फैसला -*

 


*सीने से लगा बेटा...तो बदल गया तलाक का फैसला -*


 


*गाजियाबाद*
संतान का मोह ऐसा होता है कि अच्छे-अच्छे फैसलों को बदल देता है। जब उसकी बाहें गले में पड़ती हैं तो पत्थर दिल भी पिघल जाता है। ऐसा ही कुछ सोमवार को भी हुआ। न्यायालय परिसर स्थित मध्यस्थता सेंटर पर तलाक व भरण पोषण पोषण का मुकदमा लड़ रहे पति-पत्नी के बीच रोचक मोड़ आ गया। सुनवाई के दौरान पति तलाक की मांग करता रहा और पत्नी भरण-पोषण की मांग करते हुए जिद पर अड़ी रही। इसी दौरान पति सेंटर से उठ गया तो पत्नी ने गोद में लिए दस महीने के बेटे को पति की गोद में डाल दिया। बेटे को गोद में लेते ही पति का मन बदल गया।


पिलखुवा में रहने वाली एक युवती की शादी वर्ष 2015 में लोनी निवासी युवक के साथ हुई थी। युवक का अपना कारोबार है। शादी के कुछ दिन बाद तक सब ठीक रहा। बाद में दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। महिला के दो बच्चे हैं। वह वर्ष 2017 में पति का घर छोड़कर अपने मायके में आकर रहने लगी और पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोर्ट में अर्जी दाखिल की। साथ ही भरण पोषण दिलाए जाने की मांग की।


पति ने कोर्ट में अर्जी देकर तलाक दिलाए जाने की मांग की। कोर्ट ने दोनों की काउंसलिंग कराए जाने के लिए मामले को मध्यस्थता सेंटर भेज दिया। सोमवार को महिला और उसका पति दोनों ही मध्यस्थता सेंटर में उपस्थित हुए। पति का आरोप है कि पत्नी उसकी बात नहीं मानती। परिवार के लोगों के साथ झगड़ा करती है, फिर मायकेचली जाती है। पत्नी की इस हरकत से तंग आ चुका हूं, इसलिए तलाक दिलाया जाए। कांउसलिंग के दौरान पति ने पत्नी पर कई आरोप लगाए। तभी पत्नी की आंख भर आई। बोली कि किसी भी कीमत पर तलाक नहीं दूंगी, तेरे साथ ही रहूंगी। यह कहकर काउंसलिंग के बीच से ही खड़ी हो गई। इसके बाद काउंसलर सुनीता दत्ता ने दोनों को बातचीत के लिए अलग बैठाया। मगर बात नहीं बनी। इसी दौरान पत्नी ने गोद में लिए अपने बच्चे को पति को थमा दिया। इसके बाद दोनों कचहरी परिसर स्थित कैंटीन में चाय पीने के लिए चले गए। पति ने काउंसर से कहा कि उसे सोचने का मौका दिया जाए।