श्रीमान कलेक्टर महोदय,
( उ.प्र.)
निवेदन है कि शहर के निजी डॉक्टर्स घरों में दुबक गए है। कल भी एक भाई अपने बीमार बच्चें को लेकर शहर के 10 से ज्यादा क्लीनिक घूमा जहां भी जाएं वह क्लीनिक उसे बन्द मिला वैसे तो हम भारतवासी डाँक्टर को भगवान मानते हैं ये सभी डाँक्टर केवल बिजनेस करने के लिए क्लिनिक में बैठे हैं और अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजते हैं ओर जब हमे इनकी जरूरत है तो इस मुश्किल वक़्त पर ये सभी डाँक्टर अपने-अपने घरों में डुबक कर बेठ गये हैं
शहर के डॉक्टरों ने अपने निजी क्लीनिक और ओपीडी बंद कर रखे है। ऐसे में सामान्य बीमारी , बुखार, सर्दी या वायरल, केंसर, शुगर, बीपी जैसी अन्य बीमारियों के लिए मरीज़ कहा जाएं ?
आम दिनों में यही डॉक्टर्स 200 से 3000 तक मरीज़ देखने की फीस वसूलने से नहीं चूकते है।
आज देश और शहर को इन डॉक्टर्स के सेवा की जरूरत है और ये सेवा करने की बजाय घरों में बैठे है।
यदि आप इनको इमरजेंसी सर्विसेज आदेश देकर बुलाएं। नहीं आने पर इनके रजिस्ट्रेशन निरस्त करें। आपका शुभचिंतक (एक हिन्दुस्तानी) इस मेसेज को इतने ग्रुप में फाँरव॔ड करें की ये मेसेज सरकार के पास पहुंच जाएं