<no title>नमस्कार जय श्री राम अभी इतना भीड़ लग रहा है लग रहा है और फिर कर कर आप समझदार आदमी होकर खाना वितरण कर रहे हैं

नमस्कार जय श्री राम अभी इतना भीड़ लग रहा है लग रहा है और फिर कर कर आप समझदार आदमी होकर खाना वितरण कर रहे हैं तो यह गलत नहीं है रितु पर पहले उंगली आप लोग उठाते हैं यह हमने हमेशा देखा है जितना भीड़ में संभालती हूं जितना जनता को मैं मानती हूं शायद कोई नहीं संभाल पाएगा आपने लिखकर ग्रुप से लेकर सभी में डाला की ऋतु गलत कर रही है भीड़ इकट्ठा कर कर कर इस तरफ पुलिस डंडा बजाएं कितना आदमी की सोच बदल जाती है दूसरों के प्रति ऐसा नहीं होना चाहिए देखिए आप जैसे लिख रहे हैं ना यह जनता भूखा हुआ है दुनिया में कोई भूखा नहीं होता है ईश्वर किसी को भूखा नहीं चलाता है लेकिन जो जो वरिष्ठ होते हैं उनको समझदारी से काम लेना चाहिए या निंदा कर कर काम नहीं लेना चाहिए आप लोग दिल खोलकर रितु का निंदा करते हो एक महिला अपनी जानते ना परवाह करते हुए मदद करने के लिए तत्पर लगी रहती है फिर भी उस पर उंगली बस्ती वाले नहीं उठाते हैं और कोई नहीं उठाता है लेकिन आप लोग पहले उठाते हैं जैसे मैं आप हैं अमर जी हैं आप लोग पहले उंगली उठाते हो रितु सिन्हा जैसा एक भी महिला बस्ती में आगे कर कर दिखाइए सबसे पहले मदद करने के लिए बस्ती में मैं निकली और पैसा भी मनाने वाली सबसे पहले मैं हूं उसमें सभी का नाम रोशन की किसी को हजम नहीं हुआ तुरंत लोगों ने उंगली उठाने लगा कि ₹50000 कहां से आया रितु की औकात नहीं है क्योंकि रितु तो झुग्गी झोपड़ी में रखकर बस दुनिया को सेवा की है अपना समाज थोड़ी बनाई है अरे हमारी ऐसी ऐसी मैडम में बैठी हैं जो पेटीएम कर कर कर मदद कर रही हैं जिसको मैं कह दूं वही मदद करेगा हमने आपको लिखी की 20 सेक्टर से फोन आया है आप जनता को बता दीजिए जा कर राशन वहां से एक एक कर कर लाए आपने मुझे लिखा कि जिसको जरूरत होगा मेरी वह फोन करेगा ऐसा नहीं होता है साहब सेवा करने वाला सामाजिक लोग खुद को निकलते हैं खुद को तत्पर खड़े होते हैं आप इस बात को क्यों नहीं समझ रहे हैं हर समय आदमी को हर्ट नहीं होनी चाहिए सेवा का मौका मिला है यह ईश्वर ने दिया है लोक सेवा नहीं करते थे पहले लूटते थे इसीलिए ईश्वर ने करने का मौका दिया है शांति पूर्वक कीजिए किसी का निंदा लिखकर ना डालिए किसी के बारे में कुछ भी मत कहिए जिंदगी रहे या ना रहे कौन जान रहा है ऐसी मुसीबत में हम लोग ही चल पड़े तो कम से कम अच्छे तो काम कर ले जितना दिन इस मुसीबत में जी रहे हैं इसलिए किसी का निंदा मत कीजिए मैं बार-बार आपको इसी बात को करती हूं कि निंदा मत कीजिए आपने मेरा पूरे ग्रुप में निंदा डाल दिया है इतनी बुरी दिखती हूं पढ़ी लिखी समझदार महिला हूं एक अच्छी घर की बेटी हूं अच्छी घर की बहू हूं संस्कारी महिला हूं मेरे मां-बाप ने बहुत अच्छा संस्कार दिया है यह मुसीबत में दिखती है कि कौन कितना संस्कारी है साहब आप ऐसे मत कीजिए सब की परेशानी को समझिए बस रितु सिन्हा पकरी गई काम करते हुए भीड़ देखते हुए पैसा आते हुए आप लोगों ने नींबू की तरह निचोड़ का निंदा चालू कर दिया ऐसा नहीं होता है ठीक है भगवान सा चित्र है रितु चाहती है एक एक बंदा को सेवा करना 11 को मदद करना 11 के घर जाना लेकिन रितु का दिल रो रहा है कभी भी 2:00 बजे 3:00 बजे से पहले रात्रि में नहीं सोती हूं इतनी चिंता है इस गरीब लोगों को इस समाज की इस देश की बहुत दुख होती है सच बता रही हूं आप लोगों को विश्वास नहीं होगा क्योंकि आप लोग निंदा करने में अपने आप की तारीफ समझते हैं मैं तारीफ नहीं समझती हूं निंदा करने में आपको बात कर रही हूं आप बहुत वरिष्ठ हैं सबकी गुरु हैं आपकी मुंह से ऐसा शोभा नहीं देता है आप ऐसी बातें ऐसी निंदा ना किया कीजिए और सामने वाले को भी रोकिए निंदा करने से गरीब लोग को कभी ईश्वर भूखा नहीं सुनाएगा यह ध्यान रखिएगा ईश्वर सबसे बड़ा है इनको पेट भर खाना देने के लिए हमारी आप की करतब है भगवान से प्रार्थना करने का इसके आगे हम आप कुछ नहीं कर सकते हैं जो ईश्वर कराएगा हमारे और आपसे हम जरूर करें बस मेरी बातों को बुरा नहीं मानेगा मैं सच बोल रही हूं आपको मैं बुरा भला नहीं कर रही हूं महिला ही तो अपने घर के आदमियों को समझा सकती है अपने भाई भतीजे को समझा सकती है अपने समाज को समझा सकती है अपने घर को समेट सकती है आप बुरा नहीं मानेगा आप बहुत अच्छे हैं आपका दिल बहुत अच्छा है लेकिन उसी में संभाल कर सेवा करना है जय हिंद जय भारत बहुत-बहुत धन्यवाद