*क्या देश का चौथा स्तंभ कोरोना प्रूफ है ?????? प्रगति यात्रा*
लखनऊ 25 मार्च आज भारत जैसा शक्तिशाली देश इस विषम परिस्थितियों गुजर रहा है कि बहुत सारे उतार चढ़ाव जैसी कोरोना जैसे महामारियों और विश्व स्तर पर छाई मन्दी से जूझते हुए ।इस विपदा के समय भारत की जनता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के साथ मजबूती से खडी और उसी के बलबूते पर सभी हालातो मे *प्रखर और मुखर हो कर सामना करते प्रगतियात्रा* कर आगे बढ़ता रहा है देश के पास इतनी बड़ी नयी और *आधुनिक टेक्नॉलजी के बाद भी आज देश कोरोना जैसे महामारी से घिरा लाचार और बर्बादी की दास्तान की गवाही भी बया करने में देश के मुखिया अपने आप को लाचार महसूस कर रहे हैं* पर जिस तरह इस देश की सरकार के *जिम्मेदार तंत्र, चिकित्सक औ देश व सुरक्षा मे लगे देश के जवान आवश्यक सेवा मे लगे सरकारी कर्मचारी और निस्वार्थ भाव से लगे देश के चौथे स्तम्भ समाज का आईना मानेजाने वाले जंबाज पत्रकार बन्धु सब एकसाथ देश को बचाने और देश को कोरोना जैसी महामारी से बाहर करने की सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान मे बगैर किसी परवाह के कन्धे से कन्धा मिलाकर खडे है* भारतीय मीडिया इस जंग को जीतने और देश की अवाम को सुरक्षित रखने की लड़ाई मे बग़ैर किसी डर कर पूरी ताकत से कूद पड़ा है *परन्तु अफसोस होता है जब हमारे राजनेता ही माननीय प्रधानमंत्री और हमारे मुख्यमंत्री जी की आँखो धूल झोक कर कोनिका कपूर जैसी गायिका के साथ सेल्फी लेते है* और जब यह पता चलता है कि कि उसको यानि की कोनिका कपूर जो हाल ही मे विदेश यात्रा कर *संक्रमित* हो कर वापस आयी है उनके साथ पार्टी मे मजा करते है अगर कोई पत्रकार उनेके बारे मे लिख देता है कि अमुक विधायक उस संक्रमित पार्टी मे मौजूद था और आज यह कई विधायको और अधिकारियों के साथ बैठ कर *प्रगति यात्रा* पर संवाददाता सम्मेलन कर रहा है तो क्या इस नेता विधायक के उपय मुकदमा क्यों नही पंजीकृत किया जाता तो जनाब अपनी ताकत दिखाने के लिए उस वरिष्ठ पत्रकार को जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी करवा देते है तो ऐसे महौल मे जब मीडिया कर्मियों को क्या कोरोनाप्रूफ समझा जाता है यानी कि गलतियाँ आप करो और *सजा मीडिया कर्मी भुगतते आप नेता विधायक के पास तो इस महामारी से बचने के लिए और आप को बचाने के लिए पूरी सरकार साथ खडी है और मीडिया कर्मियों के पास अपना ही खरीदा सेनिटाजर व बार बार उपयोग किया जाने वाला एक ही मास्क है पुलिस डाक्टरों की टीम मोटी मोटी तनख्वाह मिलने पर काम कर रही है और जो समाज का आईना है वो जूते की ठोकरो मे पडा है उसकी प्रगति के बारे मे नातो यह बडे बडे मीडिया हाउस ही सोचते है और ना ही सरकार* हम पत्रकार बस देश को बचाने के लिए एक बार फिर सर पर कफन बाध कर जनता को जागरूप करने और *इस महामारी से बचाने के लिए निकल पड़े हैं* । क्या समाज के इस चौथे स्तम्भ और इसमें सरकार के साथ पूरे देश में काम आने वाले इन प्रहरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को मुहैया कराने की अबतक नही केन्द्र सरकार और न ही प्रदेश की सरकारो ने कोई घोषणा की जबकि इस महामारी मे *देशवासियो को बचाने मे हम पत्रकारो का एक बहुत ही बडी कुर्बानीया छिपी है समाज के चौथे स्तम्भ पर भी सरकारो का सोचना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है* खैर अभी तो युद्ध शुरू ही हुआ है और अभी देखना है कि कितने पत्रकार इस महामारी से युद्ध करने हुए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दे कर कहाँ खो जाऐगे यह तो किसी को नही पता वैसे तो हम सभी पत्रकार इस युद्ध में सबसे आगे खडे है ।
*युद्ध अभी शेष है*
*अविजित आनंद प्रबंध संपादक और चन्द्र शेखर सिंह ब्यूरो हेड प्रगति यात्रा मासिक समाचार पत्र लखनऊ*