*जब तक डोनाल्ड ट्रंप जैसे राष्ट्राध्यक्ष हैं दुनिया को बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
*प्रधान संपादक*
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं अगर हमने दो लाख मौतों तक कोरोना पर विजय पा ली तो यह हमारी बहुत बड़ी जीत होगी। ट्रंप बाबा जो होना है वह होगा जनता को डरा क्यों रहे हो ?
*दुनिया में ऐसा भी कोई कायदा होना चाहिए।*
*झूठ बोलने का नियम बाकायदा होना चाहिए।*
*आज समझ में आया राजनीति के लिए बुद्धि क्यों नहीं होनी चाहिए ?*
*क्योंकि बुद्धिमान आदमी इतनी बेईमानी नहीं कर सकता। इतने धोखे नहीं दे सकता। इतने झूठ नहीं बोल सकता। क्योंकि खुद भी तो बुद्धिमान आदमी की आत्मा होगी।*
*राजनीति तो लगता है सिर्फ झूठे आश्वासन का नाम है या डराने का नाम है। राजनीति सिर्फ झूठ ही झूठ है। और जनता को दिखाने वाला डर ही डर है।*
क्या सही में राजनीतिक लोगो के पास दिमाग नाम की कोई चीज नहीं होती ?
एक छोटा सा चुटकुला याद आ गया। शहर में मस्तिष्क ज्वर की बीमारी फैल गई। राजनेता की पत्नी ने अपने पति से कहा आपने पढ़ा शहर में मस्तिष्क ज्वर फैल गया है।
राजनेता बोला तो क्या हुआ ?
पत्नी बोली मुझे बड़ा डर लग रहा है कहीं तुम्हें ना हो जाए।
राजनेता ने कहा बिल्कुल मत घबराओ , इसका संक्रमण केवल मस्तिष्क को होता है।
आखिर मस्तिक हो तो ही मस्तिक का ज्वर हो सकता है।
*महान दार्शनिक ओशो कहा करते थे जो मूर्ति नहीं बना सकते, जो चित्र नहीं रंग सकते , जो गीत नहीं गा सकते , जो कुछ भी नहीं कर सकते उन सब अयोग्य लोगों के लिए राजनीति है। डोनाल्ड ट्रंप साहब बार-बार इस बात को साबित करने में कहीं भी पीछे नहीं हटते।*
*दूसरों का नेता बनने की चाह मौलिक रूप से उन लोगों में होती है जो हीन भावना से भरे होते हैं। और वह दुनिया के सामने साबित करना चाहते हैं कि ऐसा नहीं है। और वह न केवल दुनिया के सामने साबित करना चाहते हैं दुनिया के द्वारा भी वे स्वयं को सिद्ध करना चाहते हैं कि वह किसी से छोटा नहीं है। उसी का उदाहरण सारी दुनिया में आप देखते हो कि एक अयोग्य नेता योग्य लोगों पर धौंस जमाता है।*
*राजीव दीक्षित कहा करते थे जिन्हें आप अपने बच्चों का गार्जियन नहीं बना सकते उन्हें आप देश का गार्जियन बना देते हैं।*
*डोनाल्ड ट्रंप को देखकर भी यही लगता है कि अमेरिका का कोई नागरिक उन्हें अपने घर में नौकरी भी नहीं देगा परंतु मूर्खों ने देश सौप दिया।* *वह भी थोथले राष्ट्रवाद के लिए। बनाने चले थे महान अमेरिका और कह रहे हैं कि दो लाख मौत तक भी अगर हमने कोरोना पर विजय पा ली तो बहुत बड़ी जीत होगी।*
ट्रंप साहब के बड़बोले पन को देखकर मेरे परम मित्र अंतरराष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी की एक कविता की चार लाइनें याद आ गई।
*छोटे लोगों को अक्सर होता है कद का गुमान।*
*कद किसी के नापने का भीड़ पैमाना नहीं है।*