आखिर क्यों शाम के बाद तुर्कपट्टी थाना परिसर में जाने से कतराते है आप
कुशीनगर। पुलिस की हनक कहे या कुछ और कि सूर्य ढलते ही तुर्कपट्टी थाने पर आम जनमानस अपनी समस्या लेकर जाने से कतराने लगे हैं। चर्चा है कि शाम को साहब सोमरस का सेवन करते हैं, जिसके बाद उनकी भाषाशैली ही बदल जाती हैं। इस लिहाज से परिसर में जाना उचित नही है भले ही जितनी बड़ी से बड़ी समस्या हो, लोग जाने से परहेज कर रहे हैं। वही कुछ निर्दोष लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई हैं जो दूसरा कारण है। वैसे मामला जो भी हो अब तो उच्चाधिकारियों की जांच में ही स्पष्ट हो पायेगा कि असलियत क्या है और लोग क्यो शाम के बाद जाने से कतराते है।
कुशीनगर जिले की पुलिस आजकल खूब सुर्खियों में है, पटहेरवा में जहां निर्दोष युवक को जेल भेजने के मामले में जनप्रतिनिधि आरपार के मूड में है तो वही तुर्कपट्टी पुलिस भी अपने को रेस में कमतर नही मान रही हैं यह थाना क्षेत्र भी खूब सुर्खियां बटोर रहा है। जहां अनफिट दरोगा को कमान सौपने का मुद्दा भी पुलिस विभाग में खूब चर्चा का विषय हैं कि फिट दरोगा थाने के हल्का की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं तो वही डीएम के अनफिट घोषित करने की रिपोर्ट व आईजी के आदेश के बाद भी साहब थानेदारी बजा रहे हैं। जबकि डीएम ने खुद ही निरीक्षण के समय उन्हें थाने की कमान संभालने के लायक नही माना था, फिर भी कमान..........? जिससे अन्य पुलिस कर्मी उपेक्षित महसूस कर रहे है। दूसरी बात कि पूरे प्रदेश में ऐसा थाना जहां बम विस्फोट होता हैं फिर भी साहब की हनक बरकरार रहती हैं जब कि छोटे से मामले में भी अन्य पुलिसकर्मियों को कार्रवाई की जद से गुजरना पड़ता हैं। यह दोहरी व्यवस्था पुलिस विभाग में चर्चा का विषय है आखिर अन्य पर कार्रवाई और साहब पर रहम.....माजरा क्या है कुछ तो कुछ खेल हैं जो आमजन के समझने के लिए काफी हैं। तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र में हो रही चर्चाओं पर यकीन करें तो लोग शाम के बाद थाना परिसर में जाने से कतराते है क्यो कि साहब शाम को हरिवंश राय बच्चन की काव्यपाठ मधुशाला का अध्ययन करना शुरू करते है और रात्रि होते होते धीरे धीरे सोमरस में गोता लगाने लगते है। जिसके बाद फरियादियो के साथ ही पुलिसकर्मियों से उनकी बातचीत की शैली ही बदल जाती हैं। साहब जब मातहतो को भी नही बख्शते हैं फिर आमजन से अच्छे बर्ताव की उम्मीद कैसे की जा सकती हैं। शाम के बाद जितनी बड़ी से बड़ी बात हो जाय, लोग नही जाना चाहते हैं। साहब के इर्द गिर्द दो महिला पुलिस कर्मियों का रहना, चलना भी खूब सुर्खियों में है।