<no title>आखिर ब्रह्मांड पर कब्जा करने का ख्वाब देखने वाले वाले इंसान को एक कोरोना वायरस ने ला दिया घुटनों पर

 


*आखिर ब्रह्मांड पर कब्जा करने का ख्वाब देखने वाले वाले इंसान को एक कोरोना वायरस ने ला दिया घुटनों पर ?* 


 *बचाव के तरीकों पर ही सम्भव है वायरस के प्रकोप से सुरक्षित रहना* 


 *अखिलानंद राव ब्युरो चीफ* 
   


कुशीनगर। बादलों को चीर कर ब्रह्मांड पर कब्जा करने का ख्वाब देखने वाले वाले इंसान को एक कोरोना वायरस ने घुटनो पर ला दिया है। करीब 60 एमएम का वायरस पूरी दुनिया के लोगों  को घर मे कैद रहने के लिए मजबूर कर दिया है। अभी कोरोना अपने चरम पर नहीं पहुंचा है। सवाल है कि चीन व इटली को तबाह कर चुकने के बाद अब क्या होगा। इसको लेकर लोगों के जेहन में सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे चीन का दावा है कि उसने दवा ईजाद कर लिया है। सवाल है कि अगर हालात पर काबू पाने के बाद क्या  वायरस फिर लौटेगा या नहीं, इसपर लोगों की अलग अलग राय है। वैज्ञानिको  के मुताबिक कोरोना का संक्रमण इतना ज्यादा होगा कि अगर बचाव के तरीकों पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह एक भयानक रूप ले सकता है। बचाव के तरीकों पर ही वायरस का संक्रमण का रुकना निर्भर करता है। बताया जाता है कि अबतक महामारियों में काफी तादात में लोग मर चुके हैं और लोग अब इसको लेकर सजग व सतर्क नही हुए तो इसकी संख्या करोड़ो में हो सकती हैं और हर जगह त्राहिमाम त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। महामारियों को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं काफी सजग होने की चेतावनी दे रहे हैं। 14 वीं सदी में लैक डेथ के नाम से कुख्यात प्लेग से यूरोप में 10लाख से अधिक लोग मारे थे। 15 वीं सदी में अमेरिका में चेचक से लाखों लोगों की मौत हो गयी थी। 17 वीं सदी में चीन में प्लेग की दस्तक से 20 से 40 फीसदी आबादी खत्म हो गयी। 19 वीं सदी में हैती में हमला करने गए फ्रांसीसी सैनिक येलो फीवर की चपेट में आकर मारे गये।  19 वीं सदी के आखिर में राइंडरपेस्ट वायरस जो जानवरों से इंसान में पहुंची थी, इस बीमारी से कई अफ्रीकी समुदाय खत्म हो गए। सभी महामारियों ने इंसानियत पर सीधा हमला किया। आगे सिर्फ बचाव के तरीकों पर सब कुछ निर्भर करेगा। प्रदूषण मुक्त स्वच्छ पर्यावरण व प्रकृति की ओर हमें लौटना होगा।